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ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है
हद्द-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार ही ग़ुबार है
आ गया ‘जौहर’ अजब उल्टा ज़माना क्या कहें,
दोस्त वो करते हैं बातें जो अदू करते नहीं
क़ुबूल हो कि न हो सज्दा ओ सलाम अपना
तुम्हारे बंदे हैं हम बंदगी है काम अपना
More Shayari
Motivational Shayari

मत बैठ आशियाँ में परों को समेट कर,
कर हौसला कुशादा फ़ज़ा में उड़ान का।
~ महफूजुर्रहमान आदिल
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।

मत बैठ आशियाँ में परों को समेट कर,
कर हौसला कुशादा फ़ज़ा में उड़ान का।
~ महफूजुर्रहमान आदिल
आंधियां सदा चलती नहीं, मुश्किलें सदा रहती नहीं,
मिलेगी तुझे मंजिल तेरी, बस तू ज़रा कोशिश तो कर।

मत बैठ आशियाँ में परों को समेट कर,
कर हौसला कुशादा फ़ज़ा में उड़ान का।
~ महफूजुर्रहमान आदिल

मत बैठ आशियाँ में परों को समेट कर,
कर हौसला कुशादा फ़ज़ा में उड़ान का।
~ महफूजुर्रहमान आदिल
इन्हीं गम की घटाओं से खुशी का चांद निकलेगा,
अंधेरी रात के पर्दों में दिन की रोशनी भी है।
Festival Shayari

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

सुख और सुकुन की शोध की नही जाती
वो हमारे भीतर छुपे होते है उसे ढुढना पडता है
~ अज्ञात
सुख और सुकुन की शोध की नही जाती वो हमारे भीतर छुपे होते है उसे ढुढना पडता है
तिरा हर उज़्व प्यारे ख़ुश-नुमा है उज़्व-ए-दीगर सीं मिज़ा सीं ख़ूब-तर अबरू ओ अबरू सीं भली अँखियाँ
Funny Shayari
अज्ञात

मैंने तो लगाया था दिल,
उसने तो लगा ही दिया चुना!
~ अज्ञात

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं……..!!!
~ अज्ञात
अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं……..!!!

अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो
न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो
~ अमीर मीनाई
अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो

आपकी बाहों में मुझे सुकून मिलता है,
आपके प्यार में मुझे जुनून मिलता है।
~ अज्ञात
आपकी बाहों में मुझे सुकून मिलता है, आपके प्यार में मुझे जुनून मिलता है।

किस कदर हमने एक इंसान को चाहा,
जिसे भुला पाना बस की नहीं और पाना किस्मत में नहीं।
~ अज्ञात
किस कदर हमने एक इंसान को चाहा, जिसे भुला पाना बस की नहीं और पाना किस्मत में नहीं।

कितना चाहते हैं तुमको
ये कभी कह नहीं पाते,
बस इतना जानते हैं,
की तेरे बिना रह नहीं पाते !
~ अज्ञात
कितना चाहते हैं तुमको ये कभी कह नहीं पाते, बस इतना जानते हैं, की तेरे बिना रह नहीं पाते !
शकील बदायूनी
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
View Shayariअज्ञात
दर्द ऐसा था कि किसी से कह नहीं पाए, और जो समझा सके, वो कोई मिला ही नहीं।
View Shayariअज्ञात
तेरी यादों का दर्द इस दिल में बसा है, तू दूर है, पर दिल अब भी तेरे पास ही रहता है।
View Shayariये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
~ Munawwar Rana“हमारी ख़ामोशी की वजह मेरे मां बाप है
वरना जिगरा तो हम तुझे तेरे घर से उठने का रखते है “
~ अज्ञातवो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल, साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो…!!
अज्ञातघूट घूट कर जीते रहे कोई फ़रियाद न करे
घूट घूट कर जीते रहे कोई फ़रियाद न करे कहां से लाऊं वो दिल जो तुझे याद न करे
अज्ञातअगर कभी फुर्सत मिले तो,
अगर कभी फुर्सत मिले तो, हमें इतना तो बताते जाना कि, आखिर ऐसी कौन सी खुशी थी, जो मैं तुम्हें ना दे सका…!!
अज्ञातधोखा देना तेरी आदत में शुमार हो गया,
धोखा देना तेरी आदत में शुमार हो गया, हम तो प्यार में थे, तू खेल समझ बैठा।
अज्ञातइस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की
अहमद फ़राज़सलामत रहे वो बीछड कर भी हमसे,
सलामत रहे वो बीछड कर भी हमसे, ये रब से दुआ करेंगे, वो हमें बैशक भूल जाये, हमतो उन्हें रोज याद करेंगे।
अज्ञातदिल तोड़ देती हैं यह खूबसूरती की परियां,
दिल तोड़ देती हैं यह खूबसूरती की परियां, इसलिए जरुरी है बना कर रखें इनसे दूरियां।
अज्ञात
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Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"